2000000 नेकी वाली रिवायत ज़ईफ़ है
शेख़ुल् हदीस हज़रत मौलाना ज़करिया साहिब कान्धल्वी
रहमतुल्लाहि अलैह ने तब्लीग़ी निसाब (फ़ज़ाइले आमाल) में फ़ज़ाइल ज़िक्र के तहत बयान किया है कि
"لا إلهَ إلا
اللهُ وحدَه لاشریکَ لهُ ، أَحَدًا صمدًا { لَمْ یَلِدْ وَلَمْ یُولَدْ {"
इन मुबारक और बा-बरकत कलिमात को दस मरतबा ब-ख़ुलूसे दिल पढ़ने वाले को बशारत हो कि बीस लाख (2000000) नेकियां इनके आमाल में दर्ज की जाती हैं।अल्लाह जल्ल शानहु
का किस क़द्र अज़ीम इनाम और अहसान है कि मोमिनीन पे रहमतों की बारिश मुक़द्दर फ़रमाते
हैं।(तबरानी)
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यह हदीस ज़ईफ़ है ।
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अल्लामा अल्बानी रहिमहुल्लाह ने इस रिवायत को
"ما من أَحَدٍ من بنی آدمَ یقولُ أَحَدَ عشرَ مرةً : لا إلهَ إلا اللهُ وحدَه لاشریکَ لهُ ، أَحَدًا صمدًا { لَمْ یَلِدْ وَلَمْ یُولَدْ } إلا کتبَ اللهُ لهُ ألفیْ ألفِ حسنةٍ ، ومن زادَ زادهُ اللهُ"
जो कि जाबिर बिन अब्दुल्लाह के तरीक़ से आई है बहुत मुनकिर (मुनकिर जुदा) क़रार दिया है ।
देखें:(अस-सिलसिलतुज़् ज़ईफ़ह 65 37 )
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इब्न अदी ने इसे अल कामिल में दर्ज किया है देखें:( अल कामिल फ़ी अज़-ज़ुअफ़ा 7/13 9 )
और यही रिवायत जिसमें ग्यारा मरतबा ज़िक्र पढ़ने का तज़किरा है
इसे शेख़ अल्बानी ने मौज़ू क़रार दिया है ।
देखें:(अस-सिलसिलतुज़् ज़ईफ़ह:51 22)
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