इब्लीस जिन था या फ़रिश्ता ?
डॉक्टर ज़ाकिर नाइक से पूछा गया:
"क़ुरआने मजीद में
मुताद्दिद मक़ामात पर कहा गया है कि इब्लीस एक फ़रिश्ता था लेकिन सूरहए कहफ़ में
फ़रमाया गया है कि इब्लीस एक जिन था। किया यह बात क़ुरआन में तज़ाद को ज़ाहिर नहीं
करती ?
तो डॉक्टर साहिब ने जवाब दिया:
क़ुरआने करीम में मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर आदम व इब्लीस का क़िस्सा
बयान किया गया है। सूरहए बक़रा में अल्लाह तआला फ़रमाता है:﴿
﴿وَإِذ قُلنا لِلمَلـٰئِكَةِ
اسجُدوا لِـٔادَمَ فَسَجَدوا إِلّا إِبليسَ﴾
हमने
फ़रिश्तों से कहा कि आदम को सज्दह करो, सो इन सब ने सज्दह
किया सिवाए इब्लीस के। (अल-बक़रह:34 )
इस बात का तज़किराहस्बे ज़ेलआयात में भी किया गया है:
٭
सूरहए आराफ़ की आयत:11
٭
सूरहए हिज्र की आयात:31-27
٭
सूरहए बनी इस्राईल की आयत:6 1
٭
सूरहए तॉ-हा की आयत:11 6
٭
सूरहए सॉद की आयत:74-7 1
लेकिन ( 18 ) वें सूरतुल् कहफ़ की
आयत:50 कहती है:
﴿وَإِذ قُلنا لِلمَلـٰئِكَةِ اسجُدوا
لِٔادَمَ فَسَجَدوا إِلّا إِبليسَ كانَ مِنَ الجِنِّ فَفَسَقَ عَن أَمرِ رَبِّهِ... ﴾)٥٠(
"और जब हमने
फ़रिश्तों से कहा:आदम को सज्दह करो
तो इन सब ने सज्दह किया सिवाए इब्लीस के, वह जिन्नों में से
था। इसने अपने रब के हुक्म की नाफ़रमानी की।" (सूरतुल्
कहफ़)
तग़लीब का कुल्लिया
सूरतुल् बक़रा की मज़कूरा बाला आयत के पहले हिस्से से हमें यह
तास्सुर मिलता है कि इब्लीस एक फ़रिश्ता था। क़ुरआने करीम अरबी ज़बान में नाज़िल हुवा
है। अरबी ग्रामर में एक कुल्लिया तग़लीब के नाम से मारूफ़ है जिसके मुताबिक़ अगर
अक्सरयत से ख़त्ताब किया जा रहा हो तो अक़ल्लीयत भी ख़ुद बख़ूद इसमें शामिल होती है।
मिसाल के तौर पर में 100 तालिब इल्मों पर
मुश्तमिल एक ऐसी क्लास से ख़त्ताब कर रहा हूं जिसमें लड़कों की तादाद 99 है और लड़की सिर्फ़ एक है, और मैं अरबी ज़बान में यह कहता हूं कि
सब लड़के खड़े हो जाएं तो इसका इतलाक़ लड़की पर भी होगा। मुझे अलग तौर पर इससे मुख़ातिब
होने की ज़रूरत नहीं होगी।
इसी तरह क़ुरआन के मुताबिक़ जब अल्लाह तआला ने फ़रिश्तों से
ख़त्ताब किया तो इब्लीस भी वहां मौजूद था, ताहम इस अम्र की
ज़रूरत नहीं थी कि इसका ज़िक्र अलग से किया जाता,
लिहाज़ा
सूरहए बक़रा और दीगर सूरतों की इबारत के मुताबिक़ इब्लीस फ़रिश्ता हो या ना हो लेकिन 18 वें सूरतुल् कहफ़ की पचासवीं आयत के
मुताबिक़ इब्लीस एक जिन था। क़ुरआने करीम में कहीं यह नहीं कहा गया कि इब्लीस एक
फ़रिश्ता था। सो क़ुरआने करीम मैं इस हवाले से कोई तज़ाद नहीं। (इस्लाम पर 40 ऐतराज़ात के अक़ली व नक़ली जवाब)
इब्लीस एक जिन था फ़रिश्ता नहीं, इसे
किताब व सुन्नत के हवाले से इस तरह समझ सकते हैं।
(1) क़ुरआन की आयतों से
साफ़ ज़ाहिर है कि इब्लीस जिन था,फ़रिश्ता होने की
क़ुरआन से या सहीह हदीस से कोई दलील नहीं।
(2) इब्लीस आग से पैदा
किया गया।दलील:
قَالَ أَنَا خَيْرٌ
مِنْهُ خَلَقْتَنِي مِنْ نَارٍ وَخَلَقْتَهُ مِنْ طِينٍ
(अल-आराफ़:12 )
जबकि फ़रिश्ता नूर से। दलील:
خُلِقَت الملائكة من
نور ، وّخُلِقَ الجَّان من
مارجٍ من نار ، وخُلِقَ آدم مما
وُصِفَ لكم
(मुस्लिम:2 9 9 6 )
(3) फ़रिश्तों की औलाद
यानी नस्ल नहीं होती जबकि इब्लीस की औलाद होती है। (सूरतुल् कहफ़:50)
(4) फ़रिश्ते कभी अल्लाह
की नाफ़रमानी नहीं करते जबकि इब्लीस (शैतान) ने अल्लाह की नाफ़रमानी की और इसकी औलाद
क़ियामत तक अल्लाह की नाफ़र्मानियां करती रहेंगी।
(5) यह सहीह है कि बअ्ज़
अहले इल्म ने भी कहा है कि इब्लीस फ़रिश्तों में से था मगर इन अहले इल्म के पास कोई
सरीह दलील नहीं।दलील के तौर पे असर और क़ौल पेश करते हैं यह भी इस्राईलियात से
माख़ूज़ है।
(6) जिन्नों को इरादा व
इख़्तियार दिया गया है,इसलिए तो इताअत से
इनकार भी करते हैं, जबकि फ़रिश्तों के
पास इख़्तियार नहीं वह हमेशा अल्लाह की इताअत करते हैं।
यह सारी बातें वाज़ेह करती हैं कि इब्लीस जिन्नों में से था ।
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