अज़ान के वक़्त काम करने का हुक्म
अज़ान इसीलिए होती है कि लोग मस्जिद आएं और और काम काज बंद कर
दें। जैसा कि सूरह जुमा
में मज़्कूर है कि जब जुमा की अज़ान दी जाए तो अल्लाह की ज़िक्र की तरफ़ दौड़ पड़ो।
अगर कोई ज़रूरी काम हो तो इसको जितना जल्दी हो सके ख़त्म करके
नमाज़ के लिए आए।एक बात यहां यह समझनी है कि बअ्ज़ लोग समझते हैं:अज़ान के वक़्त बात करना मना है या अज़ान
के वक़्त काम करना मना है।ऐसी कोई बात नहीं है,अज़ान के वक़्त बात
करना भी जाएज़ है (साथ साथ अज़ान का
जवाब भी देना चाहिए)। इसी तरह अज़ान के वक़्त किसी कोई काम
दरपेश हो या किसी काम में पहले से मसरूफ़ हो तो वह अज़ान होते वक़्त अपना काम कर सकता
है ।
کوئی تبصرے نہیں:
ایک تبصرہ شائع کریں