بدھ، 27 اپریل، 2016

अज़ान का जवाब

अज़ान का जवाब

अज़ान का जवाब वैसे ही देना है जैसे मुअज़्ज़िन कहता है लेकिन हैय्य अली अस-सलाह और हैय्य अल-फ़लाह का जवाब"ला हवल वलअ क़ व ۃ इल्ला बिल्लाह"देना है,इसकी दलील मनदर्जा ज़ेल रिवायत है:
)إِذَا سَمِعتُمُ المُؤَذِّنَ فَقُولُوا مِثلَ مَا یَقُولُ(
सय्यदना अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस रज़ियल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि उन्होंने रसूलुल्लाह को यह फ़रमाते हुए सुना कि जब तुम मुअज़्ज़िन की अज़ान सुनो तो वही कहो जो मुअज़्ज़िन कहता है। रवाहु अल-बुख़ारी (611) व मुस्लिम (318)

और अस-सलातु ख़ैरुम् मिनन् नौम का जवाब अस-सलातु ख़ैरुम् मिनन् नौम ही दिया जाएगा क्योंकि इसका अलग से जवाब वारिद नहीं है,बअ्ज़ लोग कहते हैं कि इसका जवाब सद्क़त व बर-रत है।लेकिन यह कहना दुरुस्त नहीं है क्योंकि यह कलिमा जिस हदीस में मज़्कूर है वह ज़ईफ़ है ।

वल्लाहु अअ्लम    

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